दिवाली से पहले ही पूरे उत्तर भारत समेत दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा खराब होने लगी है। देशभर में 70 शहरों में प्रदूषण के मामले में शुक्रवार को फरीदाबाद सबसे ऊपर यानी पहले पायदान और गुरुग्राम दूसरे पायदान पर रहा
यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक का औसत 381 दर्ज किया गया, इसके पीछे 378 अंक के साथ गुरुग्राम दूसरे नंबर पर रहा। हालांकि राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता 361 दर्ज की गई लेकिन आनंद विहार इलाके में यह सूचकांक 409 तक पहुंच गया यानि यहां फरीदाबाद से भी ज्यादा वायु प्रदूषण रहा
औद्योगिक नगरी के आसमान में शुक्रवार सुबह बदली और धूंध छाई रही। सुबह आठ बजे यहां प्रदूषक पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की मात्रा 500 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के अधिकतम बिंदु तक पहुंच गई थी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक पीएम 2.5 की मात्रा बृहस्पतिवार रात आठ बजे भी 500 माइक्रोगाम/घनमीटर पहुंची थी लेकिन रात में यह मात्रा 382 से 388 माइक्रोग्राम/ घनमीटर के बीच रही। शुक्रवार को पीएम 2.5 का औसत 373 माइक्रोग्राम/घनमीटर रहा
पूरे दिन में पीएम 2.5 की मात्रा 240 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से कम नहीं हुई। इस दौरान वातावरण में नाइट्रोजन ऑक्साइड का घनत्व भी 107 से 172 माइक्रोग्राम/प्रतिमीटर और सल्फर डाइऑक्साइड का घनत्व 23 से 48 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया
बेहद खराब हुई दिल्ली की आबोहवा
औद्योगिक नगरी में पीएम 10 की मॉनिटरिंग नहीं होती। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मानक के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक यदि 301 से 400 के बीच लंबे समय तक रहता है तो सांस की बीमारियां हो सकती हैं
401 से 500 के बीच रहने का अर्थ है कि स्वस्थ मनुष्य की सेहत भी प्रभावित होगी और बीमार मनुष्य बुरी तरह प्रभावित होंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अजय चौधरी के अनुसार बरसात होने और हवाएं चलने से प्रदूषण का स्तर घटेगा
बेहद खराब हुई दिल्ली की आबोहवा
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी जानलेवा होने की तरफ अग्रसर है। भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगी आग और वाहनों के प्रदूषण के अलावा निर्माण कार्यों पर शिकंजा नहीं कसने की वजह से हालात में दिनोंदिन गिरावट हो रही है
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शुक्रवार सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 358 था, जोकि बेहद खराब गुणवत्ता श्रेणी में है। हालांकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने हालात को देखते हुए इस पर शिकंजा कसने के लिए निगम क्षेत्र के सभी चार जोन में नाइट पेट्रोलिंग का निर्णय लिया है
टीमें पत्ते और लकड़ियां जलाने वालों की निगरानी करते हुए उन पर कार्रवाई करेंगी। वायु गुणवत्ता सूचकांक अगर 301-400 के बीच हो, तो इसे बेहद खराब जबकि इससे अधिक को घातक श्रेणी में रखा गया है
हवा की खराब होती गुणवत्ता को नियंत्रित स्तर पर बनाए रखने के अलग-अलग विभागों की ओर से दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन हालात को काबू नहीं किया जा सका है।
संस्था सफर ने भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहद खराब बताया है। बृहस्पतिवार को दिल्ली का सूचकांक 331 था जबकि फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम सहित राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्रों में भी इस दौरान हवा की गुणवत्ता बेहद खराब आंकी गई।
हालात नहीं सुधरे तो स्कूलों को कराया जा सकता है बंद
लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। शुक्रवार को इस संबंध में एक बैठक करके अधिकारियों को आगाह कर दिया है। हालात यही बने रहे तो जिले में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी और स्कूलों को बंद कराया जा सकता है।
बता दें कि शुक्रवार को पीएम-2.5 अति खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसी परिस्थिति से उबरने के लिए डीएम ने अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। जिलाधिकारी ने आम लोगों से प्रदूषण कम करने में सहयोग की अपील की है। साथ ही सार्वजनिक परिवहन के साधनों के ज्यादा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
जिलाधिकारी बीएन सिंह ने पर्यावरण की स्थिति बिगड़ने पर चिंता जताते हुए संबंधित अधिकारियों को इससे निपटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम-2.5 लगातार खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है और इससे उबरने के लिए यदि स्कूलों की छुट्टी करनी पड़े तो उसके लिए तैयार रहना होगा।
उन्होंने दूसरे जिले और शहरों के अलावा प्रदेशों से आने वाले बडे़ व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की भी तैयारी करने और शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को भी दुरुस्त करने की बात कही। जिससे लोग अपने वाहनों को छोड़कर बस और मेट्रो आदि से यात्रा कर सकें।
स्कूली बसों के इस्तेमाल का दिया सुझाव
डीएम द्वारा मांगे गए सुझाव में अधिकारियों ने कहा कि यदि स्कूल बंद हो जाते हैं तो उनकी 3 हजार से अधिक सीएनजी की बसों को सार्वजनिक सेवा के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। जिससे पर्यावरण को बेहतर करने में मदद मिल सकेगी
अधिकारियों ने बताया कि अगर प्रदूषण का स्तर खतरनाक की ओर बढे़गा तो जेवर टोल, दिल्ली से डीएनडीए पर और अन्य मार्गों पर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। राजस्थान के अलवर में ट्रकों को रुकवाया जाएगा,एनएच-24 और गाजियाबाद के विभिन्न रास्तों पर भी बडे़ वाहन रोके जाएंगे
चुनौतियों से निपटने के लिए एयर-ओ-थॉन सम्मेलन
वायु प्रदूषण पर जन स्वास्थ्य और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के मद्देनजर तीसरे एयर-ओ-थॉन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया
इस सम्मेलन का आयोजन प्रॉस्पर्स और सिंगापुर एंड इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (आईपीसीए) की ओर से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया। इस दौरान राज्यसभा के संयुक्त सचिव एसएन साहू, इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. राधा गोयल आदि ने अपने विचार रखे
निर्माण कार्यों पर 10 दिन लगे रोक : सीपीसीबी
दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण का स्तर कई गुना ज्यादा है। विशेषज्ञ दिवाली पर हवा में घुले जहर में और इजाफा होने की आशंका जता रहे हैं। इसीलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली सहित पड़ोसी राज्य सरकारों को सलाह दी है
कि 10 दिन तक दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए
सीपीसीबी का मानना है कि निर्माण कार्यों के चलते भी वायु प्रदूषण हो रहा है। इसलिए 1 से 10 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध होना चाहिए। इसके अलावा 4 से 10 नवंबर तक बायोगैस एवं कोयले से चलने वाले सभी उद्योग भी बंद होने चाहिए। बोर्ड ने लिखा है
कि पिछले वर्ष दिल्ली वायु प्रदूषण के चलते गैस चैंबर बन गई थी
अबकी बार पहले से अलर्ट नहीं हुए तो हालात बदतर हो सकते हैं। निर्माण कार्य और उद्योगों को बंद करने के अलावा यातायात एवं परिवहन विभाग को भी इन 10 दिनों तक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए
सीपीसीबी ने पत्र में आम लोगों से भी अपील की है कि दिवाली तक निजी वाहनों का इस्तेमाल कम से कम करें, ताकि दिल्ली को जाम और धूल न झेलनी पड़े
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