राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची का एलान नहीं हुआ है, लेकिन अशोक गहलोत के एक बयान ने राजस्थान की राजनीति में हलचल जरूर पैदा कर दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा है कि सचिन पायलट और वो खुद, विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार होंगे।
गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "भाजपा की ओर से प्रचारित किया जा रहा था कि कांग्रेस में फूट है, अंदरूनी कलह है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है। मैं यानी गहलोत और पायलट दोनों ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
महीनों से राजस्थान में सचिन पायलट और गहलोत के बीच की रस्साकशी की चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट नहीं चाहते कि गहलोत चुनाव मैदान में कूदें। राहुल गांधी को ये संदेश भी पहुंचा दिया गया है कि पायलट खेमे की इस बारे में क्या राय है। अंतिम फैसला राहुल गांधी पर ही है।अगर गहलोत चुनाव लड़ते हैं तो वो जोधपुर की सरदारपुरा सीट से खड़े हो सकते हैं। लेकिन सवाल ये है कि पायलट लड़ेंगे कहां से? दौसा से या फिर अजमेर से? हालांकि, अंदरखाने ये दोनों सीटें उनके लिए सुरक्षित न होने की चर्चा है। अगर पायलट चुनाव हार जाते हैं तो वो सीएम पद की रेस से खुद ब खुद बाहर हो जाएंगे। दूसरी तरफ, अशोक गहलोत चार बार सरदारपुरा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। सचिन पायलट और गहलोत खेमे के टकराव की वजह से ही कांग्रेस की सूची जारी होने में भी देर हो रही है।
महीनों से राजस्थान में सचिन पायलट और गहलोत के बीच की रस्साकशी की चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट नहीं चाहते कि गहलोत चुनाव मैदान में कूदें। राहुल गांधी को ये संदेश भी पहुंचा दिया गया है कि पायलट खेमे की इस बारे में क्या राय है। अंतिम फैसला राहुल गांधी पर ही है।अगर गहलोत चुनाव लड़ते हैं तो वो जोधपुर की सरदारपुरा सीट से खड़े हो सकते हैं। लेकिन सवाल ये है कि पायलट लड़ेंगे कहां से? दौसा से या फिर अजमेर से? हालांकि, अंदरखाने ये दोनों सीटें उनके लिए सुरक्षित न होने की चर्चा है। अगर पायलट चुनाव हार जाते हैं तो वो सीएम पद की रेस से खुद ब खुद बाहर हो जाएंगे। दूसरी तरफ, अशोक गहलोत चार बार सरदारपुरा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। सचिन पायलट और गहलोत खेमे के टकराव की वजह से ही कांग्रेस की सूची जारी होने में भी देर हो रही है।

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