पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को तमाम सियासी दल 2019 के आम चुनाव से पहले सेमीफाइनल मानकर तैयारी में जुटी है। प्रधानमंत्री पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के बाद मध्यम वर्ग को रिझाने के लिए बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी देश के 10 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान भारत योजना के दायरे में मिडल क्लास समेत सभी को लाने की तैयारी है।
मोदी सरकार 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद इसका ऐलान कर सकती है। सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने की इस योजना के लिए फंड की कमी न हो, इसके लिए सरकार लोगों से प्रीमियम की रकम लेने पर भी विचार कर रही है। अभी गरीबों को मुफ्त इलाज पर प्रति परिवार 1,100 रुपये खर्च आने का आकलन है। इसका खर्च केंद्र व राज्य सरकार उठाती है। इस योजना की रूपरेखा तैयार करने वाले एक वर्ग का विचार है कि अगर इस हेल्थ इंश्योरेंस के लिए बाकी लोगों से प्रति परिवार 2,200 रुपये सालाना प्रीमियम भी लिया जाए तो इतना फंड होगा कि सरकार के लिए यह योजना एक तरह से फ्री हो जाएगी। हेल्थ कवर का दायरा 5 लाख से ज्यादा चाहिए तो 'टॉप-अप' की सुविधा देने पर भी विचार हो रहा है।
25 सितंबर को शुरू हुई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे में अभी सरकार के पैनल में शामिल किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में 5 लाख रुपये तक के मुफ्त कैशलेस इलाज की सुविधा है। लाभार्थियों की लिस्ट में फिलहाल 10.74 करोड़ गरीब परिवारों यानी 50 करोड़ से ज्यादा की आबादी को रखा गया है। पहले संकेत थे कि मोदी सरकार 2019 का चुनाव जीतने के बाद इस योजना के दायरे में सभी को लाएगी, लेकिन सरकार को 2019 की डगर मुश्किल लगी तो विधानसभा चुनाव के बाद इस योजना के दायरे में सभी को लाने का बीजेपी पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी देश के 10 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान भारत योजना के दायरे में मिडल क्लास समेत सभी को लाने की तैयारी है।
मोदी सरकार 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद इसका ऐलान कर सकती है। सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने की इस योजना के लिए फंड की कमी न हो, इसके लिए सरकार लोगों से प्रीमियम की रकम लेने पर भी विचार कर रही है। अभी गरीबों को मुफ्त इलाज पर प्रति परिवार 1,100 रुपये खर्च आने का आकलन है। इसका खर्च केंद्र व राज्य सरकार उठाती है। इस योजना की रूपरेखा तैयार करने वाले एक वर्ग का विचार है कि अगर इस हेल्थ इंश्योरेंस के लिए बाकी लोगों से प्रति परिवार 2,200 रुपये सालाना प्रीमियम भी लिया जाए तो इतना फंड होगा कि सरकार के लिए यह योजना एक तरह से फ्री हो जाएगी। हेल्थ कवर का दायरा 5 लाख से ज्यादा चाहिए तो 'टॉप-अप' की सुविधा देने पर भी विचार हो रहा है।
25 सितंबर को शुरू हुई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे में अभी सरकार के पैनल में शामिल किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में 5 लाख रुपये तक के मुफ्त कैशलेस इलाज की सुविधा है। लाभार्थियों की लिस्ट में फिलहाल 10.74 करोड़ गरीब परिवारों यानी 50 करोड़ से ज्यादा की आबादी को रखा गया है। पहले संकेत थे कि मोदी सरकार 2019 का चुनाव जीतने के बाद इस योजना के दायरे में सभी को लाएगी, लेकिन सरकार को 2019 की डगर मुश्किल लगी तो विधानसभा चुनाव के बाद इस योजना के दायरे में सभी को लाने का बीजेपी पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
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