इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी में मरने वालों की संख्या 281 हो गई है.संख्या अभी और भी बढ़ सकती है. आई सुनामी में अभी तक 800 से ज्यादा लोग के लापता होने की खबर हैं. उन खोये हुए लोगो के तलाश में लोग जुटे हुए है. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक सुनामी जिस समय आया उस समय बड़ी संख्या में पर्यटक बीच और तटवर्ती इलाके के आसपास थे. इस वजह से उन्हें बचने का ज्यादा समय नहीं मिल पाया. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि आपदा में 800 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है और कम से कम 80 लोग लापता हैं. समुद्र की ऊंची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे अनेक मकान नष्ट हो गए. लोगों को बचाने के लिए खोज और बचाव का काम तेज कर दिया गया है.इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी सुनामी की असली वजह पता लगाने में जुटी है. प्रत्यक्षदर्शियों ने सोशल मीडिया पर सुनामी का मंजर सोशल मीडिया पर बयां किया है. ओयस्टीन एंडरसन ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘तट से गुजरते समय लहरों की ऊंचाई 15 से 20 मीटर थी, जिसकी वजह से हमें तट से भागना पड़ा.'' उसने कहा कि वह ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहा था कि अचानक तेज गति से आती एक बड़ी लहर दिखी. एंडरसन ने लिखा, "दूसरी लहर एक होटल में घुसी जहां हम रुके हुए थे. मैं परिवार के साथ किसी तरह जंगल और गांव के रास्ते बचने में कामयाब रहा, फिलहाल स्थानीय लोग हमारी देखभाल कर रहे हैं, शुक्र है कि हम सुरक्षित हैं.और बाकि लोगो की खोज की जा रही हैपंद्रह वर्षीय बिनतांग ने कहा, "हम रात करीब नौ बजे यहां आए थे कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं, अंधेरा छा गया और बिजली चली गई.'' सुनामी का सबसे ज्यादा प्रभाव जावा के बांतेन प्रांत के पांडेंगलांग क्षेत्र में पड़ा है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुर्वो नुग्रोहो ने कहा कि अब तक आपदा में 281 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और अन्य 80 लोग लापता हैं तथा 800 लोग घायल हुए हैं. और बाकि बचे लोगो की खोज हो रही है. सुनामी के कारण मरने वालो की संख्या बढ़ती जा रही है
इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी में मरने वालों की संख्या 281 हो गई है.संख्या अभी और भी बढ़ सकती है. आई सुनामी में अभी तक 800 से ज्यादा लोग के लापता होने की खबर हैं. उन खोये हुए लोगो के तलाश में लोग जुटे हुए है. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक सुनामी जिस समय आया उस समय बड़ी संख्या में पर्यटक बीच और तटवर्ती इलाके के आसपास थे. इस वजह से उन्हें बचने का ज्यादा समय नहीं मिल पाया. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि आपदा में 800 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है और कम से कम 80 लोग लापता हैं. समुद्र की ऊंची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे अनेक मकान नष्ट हो गए. लोगों को बचाने के लिए खोज और बचाव का काम तेज कर दिया गया है.इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी सुनामी की असली वजह पता लगाने में जुटी है. प्रत्यक्षदर्शियों ने सोशल मीडिया पर सुनामी का मंजर सोशल मीडिया पर बयां किया है. ओयस्टीन एंडरसन ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘तट से गुजरते समय लहरों की ऊंचाई 15 से 20 मीटर थी, जिसकी वजह से हमें तट से भागना पड़ा.'' उसने कहा कि वह ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहा था कि अचानक तेज गति से आती एक बड़ी लहर दिखी. एंडरसन ने लिखा, "दूसरी लहर एक होटल में घुसी जहां हम रुके हुए थे. मैं परिवार के साथ किसी तरह जंगल और गांव के रास्ते बचने में कामयाब रहा, फिलहाल स्थानीय लोग हमारी देखभाल कर रहे हैं, शुक्र है कि हम सुरक्षित हैं.और बाकि लोगो की खोज की जा रही हैपंद्रह वर्षीय बिनतांग ने कहा, "हम रात करीब नौ बजे यहां आए थे कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं, अंधेरा छा गया और बिजली चली गई.'' सुनामी का सबसे ज्यादा प्रभाव जावा के बांतेन प्रांत के पांडेंगलांग क्षेत्र में पड़ा है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुर्वो नुग्रोहो ने कहा कि अब तक आपदा में 281 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और अन्य 80 लोग लापता हैं तथा 800 लोग घायल हुए हैं. और बाकि बचे लोगो की खोज हो रही है. सुनामी के कारण मरने वालो की संख्या बढ़ती जा रही है

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