भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक बहुत सारे धर्म और संस्कृतियां हैं। इन सभी धर्मों की शादियां भी देखने वाली होती हैं।
इन शादियों के भिन्न भिन्न प्रकार के रीति रिवाज होते हैं। दूल्हा और दुल्हन के कपड़े, गहने उनकी संस्कृति की झलक देने वाले होते हैं। खासतौर से दुल्हन का लिबाज़ हर किसी का मन मोह लेता है।शादी की ड्रेस के अलावा दुल्हन के गहने भी उसकी पहचान बताते हैं। इन गहनों में सबसे जरूरी होती है चूड़ियां। हिन्दू धर्म में इन्हें सुहाग की निशानी बताया जाता है। लेकिन बात भले ही हिन्दू धर्म की हो, भारत के हर राज्य के अनुसार चूड़ियों का रंग बदलता चला जाता है। तो आज हम आपको भारत के राज्य और उनमें दुल्हन द्वारा पहनी जाने वाली अलग तरह की चूड़ियों के बारे में बताएँगे।
महाराष्ट्र की दुल्हन:-
महाराष्ट्र में शादी के दिन पीला और हरा, ये दो रंग दुल्हन के लिए जरूरी माने जाते हैं। इसलिए यहां की दुल्हन कांच की हरी चूड़ियां पहनती है। इसके साथ कई बार सोने के कड़े पहने हुए भी देखे जा सकते हैं। चूड़ियों की संख्या वह जितनी चाहे बढ़ा सकती है।
पंजाबी दुल्हन:-
पंजाब राज्य की दुल्हन हो या सिख धर्म की दुल्हन, पंजाबी दुल्हन एक हाथ में आपको लाल रंग की ढेर सारी चूड़ियां दिखाई देंगी। ये कांच की चूड़ियां नहीं होती। यह 'लाख' से बनी होती हैं। रिवाज के अनुसार इसे चूड़ा कहा जाता है। यह चूड़ा कई डिजाईन में आता है। कुछ दुल्हनें गुलाबी रंग का चूड़ा भी पहनती हैं।
गुजराती दुल्हन:- सफेद, हरा, सुनहरा, लाल, ये कुछ ऐसे रंग हैं जो गुजराती दुल्हन के लिबाज़ को पूरा करते हैं। गुजराती दुल्हन इन्हीं रंगों को मिक्स करते हुए कांच की चूड़ियां पहनती है। इनके साथ सोने के कड़े या चूड़ियां पहनना फैशन के हिसाब से शामिल है।
राजस्थानी दुल्हन:-
पंजाबी दुल्हन की तरह राजस्थानी दुल्हन भी चूड़ा पहनती है। लेकिन इस चूड़े की चूड़ियां एक रंग की ना होकर, रंग बिरंगी होती हैं। ये चूड़ियां भी 'लाख' से बनी होती हैं।
बंगाली दुल्हन:-
बंगाली दुल्हन 'शाखा पौला' नाम की एक लाल और एक सफेद चूड़ी पहनती है। इसे सुहाग की निशानी समझा जाता है। इसे पहनाने के लिए खास रस्म भी अदा की जाती है। इसे एक बार पहनने के बाद उतारा नहीं जाता है।
इन शादियों के भिन्न भिन्न प्रकार के रीति रिवाज होते हैं। दूल्हा और दुल्हन के कपड़े, गहने उनकी संस्कृति की झलक देने वाले होते हैं। खासतौर से दुल्हन का लिबाज़ हर किसी का मन मोह लेता है।शादी की ड्रेस के अलावा दुल्हन के गहने भी उसकी पहचान बताते हैं। इन गहनों में सबसे जरूरी होती है चूड़ियां। हिन्दू धर्म में इन्हें सुहाग की निशानी बताया जाता है। लेकिन बात भले ही हिन्दू धर्म की हो, भारत के हर राज्य के अनुसार चूड़ियों का रंग बदलता चला जाता है। तो आज हम आपको भारत के राज्य और उनमें दुल्हन द्वारा पहनी जाने वाली अलग तरह की चूड़ियों के बारे में बताएँगे।
महाराष्ट्र की दुल्हन:-
महाराष्ट्र में शादी के दिन पीला और हरा, ये दो रंग दुल्हन के लिए जरूरी माने जाते हैं। इसलिए यहां की दुल्हन कांच की हरी चूड़ियां पहनती है। इसके साथ कई बार सोने के कड़े पहने हुए भी देखे जा सकते हैं। चूड़ियों की संख्या वह जितनी चाहे बढ़ा सकती है।
पंजाबी दुल्हन:-
पंजाब राज्य की दुल्हन हो या सिख धर्म की दुल्हन, पंजाबी दुल्हन एक हाथ में आपको लाल रंग की ढेर सारी चूड़ियां दिखाई देंगी। ये कांच की चूड़ियां नहीं होती। यह 'लाख' से बनी होती हैं। रिवाज के अनुसार इसे चूड़ा कहा जाता है। यह चूड़ा कई डिजाईन में आता है। कुछ दुल्हनें गुलाबी रंग का चूड़ा भी पहनती हैं।
गुजराती दुल्हन:- सफेद, हरा, सुनहरा, लाल, ये कुछ ऐसे रंग हैं जो गुजराती दुल्हन के लिबाज़ को पूरा करते हैं। गुजराती दुल्हन इन्हीं रंगों को मिक्स करते हुए कांच की चूड़ियां पहनती है। इनके साथ सोने के कड़े या चूड़ियां पहनना फैशन के हिसाब से शामिल है।
राजस्थानी दुल्हन:-
पंजाबी दुल्हन की तरह राजस्थानी दुल्हन भी चूड़ा पहनती है। लेकिन इस चूड़े की चूड़ियां एक रंग की ना होकर, रंग बिरंगी होती हैं। ये चूड़ियां भी 'लाख' से बनी होती हैं।
बंगाली दुल्हन:-
बंगाली दुल्हन 'शाखा पौला' नाम की एक लाल और एक सफेद चूड़ी पहनती है। इसे सुहाग की निशानी समझा जाता है। इसे पहनाने के लिए खास रस्म भी अदा की जाती है। इसे एक बार पहनने के बाद उतारा नहीं जाता है।
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