बुलंदशहर में सोमवार को पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या ने सभी को हिला कर रख दिया.
पुलिस की शुरुआती जांच और वहां मौजूद लोगों की बातों से ऐसा लगता है कि इंस्पेक्टर की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई.
गोकशी के शक में लोगों ने जमकर हंगामा किया. यहां गुस्साए लोगों ने हंगामा करते हुए पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी, जिसमें एक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक की मौत हो गई. इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि इंस्पेक्टर के सिर में गोली मारी गई. बाएं भौं के नजदीक .32 बोर बुलेट से हमला किया गया. वहीं 20 साल के सुमित की मौत पुलिस की फायरिंग से हुई. घटनाक्रम पर नज़र डालें तो इसे संयोग ही कहा जाएगा कि आसपास हो रही कुछ चीजें आपस में जुड़ी हैं.
क्या ये संयोग था
महाव नाम के जिस गांव में ये घटना हुई वहां सबसे पहले पहुंचने वाले प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार राजकुमार भास्कर थे. उन्होंने कहा गन्ने के खेत में गोमांस लटक रहा था. ऐसा लग रहा था मानो हैंगर में कपड़े लटक रहे हों. सवाल उठता है कि आखिर ऐसा कोई क्यों करेगा. हर कोई राज्य के मौजूदा हालात से वाकिफ है. तहसीलदार ने कहा जैसे ही इलाके में गोमांस की बात फैली हिन्दू युवा वाहनी, शिव सेना और बजरंग दल के कुछ सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए और वो नारे लगा कर विरोध करने लगे. जानबूझ कर इलाके में तनाव बढाने की कोशिश कर रहे थे. सोमवार को ही करीब 10 लाख मुस्लिम जायरीन बुलंदशहर में जमा हुए थे. ये सब इज्तेमा में शामिल होने के लिए आए थे. खास बात ये है कि ये मुस्लिम जायरीन बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे के रास्ते ही वापस लौटने वाले थे.
इस बीच पुलिस वहां आ गई. वो ट्रैक्टर के आगे खड़े होकर भीड़ को शांत कराने की कोशिश करा रहे थे. तहसीलदार ने कहा हम चाह रहे थे कि मामला वहीं पर शांत हो जाए, लेकिन भीड़ हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थी.
इस बीच करीब सौ लोग ट्रैक्टर पर सवार होकर हाईवे के पास चिंगरावती पुलिस थाने पर पहुंच गए. धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी. पुलिस ने भीड़ से FIR दर्ज करवाने को कहा है.
गोकशी के शक में लोगों ने जमकर हंगामा किया. यहां गुस्साए लोगों ने हंगामा करते हुए पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी, जिसमें एक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक की मौत हो गई. इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि इंस्पेक्टर के सिर में गोली मारी गई. बाएं भौं के नजदीक .32 बोर बुलेट से हमला किया गया. वहीं 20 साल के सुमित की मौत पुलिस की फायरिंग से हुई. घटनाक्रम पर नज़र डालें तो इसे संयोग ही कहा जाएगा कि आसपास हो रही कुछ चीजें आपस में जुड़ी हैं.
क्या ये संयोग था
महाव नाम के जिस गांव में ये घटना हुई वहां सबसे पहले पहुंचने वाले प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार राजकुमार भास्कर थे. उन्होंने कहा गन्ने के खेत में गोमांस लटक रहा था. ऐसा लग रहा था मानो हैंगर में कपड़े लटक रहे हों. सवाल उठता है कि आखिर ऐसा कोई क्यों करेगा. हर कोई राज्य के मौजूदा हालात से वाकिफ है. तहसीलदार ने कहा जैसे ही इलाके में गोमांस की बात फैली हिन्दू युवा वाहनी, शिव सेना और बजरंग दल के कुछ सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए और वो नारे लगा कर विरोध करने लगे. जानबूझ कर इलाके में तनाव बढाने की कोशिश कर रहे थे. सोमवार को ही करीब 10 लाख मुस्लिम जायरीन बुलंदशहर में जमा हुए थे. ये सब इज्तेमा में शामिल होने के लिए आए थे. खास बात ये है कि ये मुस्लिम जायरीन बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे के रास्ते ही वापस लौटने वाले थे.
इस बीच पुलिस वहां आ गई. वो ट्रैक्टर के आगे खड़े होकर भीड़ को शांत कराने की कोशिश करा रहे थे. तहसीलदार ने कहा हम चाह रहे थे कि मामला वहीं पर शांत हो जाए, लेकिन भीड़ हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थी.
इस बीच करीब सौ लोग ट्रैक्टर पर सवार होकर हाईवे के पास चिंगरावती पुलिस थाने पर पहुंच गए. धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी. पुलिस ने भीड़ से FIR दर्ज करवाने को कहा है.
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