सबरीमला मंदिर मुद्दे पर बोले राहुल गाँधी दोनों तर्कों में है दम, फैसला केरल के लोगों पर छोड़ता हूँ.
(Sabarimala speaks on the temple issue, Rahul Gandhi is in both arguments, I leave the verdict on the people of Kerala)सबरीमला मंदिर में सभी महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने की पैरवी करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधीने शनिवार को कहा कि वह मुद्दे पर ‘स्पष्ट' रुख अख्तियार नहीं कर सकते हैं क्योंकि दोनों पक्षों के तर्कों में दम है.
दुबई में शनिवार को पत्रकार वार्ता में गांधी ने कहा मुद्दा ‘और अधिक जटिल' है और वह इस मामले पर फैसला लेने की जिम्मेदारी केरल के लोगों पर छोड़ते हैं.कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मैंने दोनों पक्षों की बातें सुनी है. मेरा शुरुआती रुख आज के रुख से अलग था. केरल के लोगों की बात सुनने के बाद, मैं दोनों तर्कों में वैधता देख सकता हूं कि परंपरा का संरक्षण करने की जरूरत है. मैं इस तर्क में भी वैधता देख सकता हूं कि महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए. मैं इस मुद्दे पर में कुछ स्पष्ट नहीं बोल सकता हु.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का जाना वर्जित था. खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकती थीं. यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती हैं. इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह बैन हटा दिया. औए कोर्ट ने भी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, गांधी ने कहा था कि सभी महिलाओं को सबरीमला मंदिर में जाने की अनुमति होनी चाहिए.चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई.
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