अपनी अजीबो-गरीब बीमारी से परेशान है ये महिला, जाने क्या बीमारी है इसे
(This woman is troubled by her strange and poor sickness, what is the disease)
अक्सर लोगों को ऐसी बीमारी होती है जिसके बारे में शायद ही आपने कल्पना की हो. आज हम आपको एक ऐसे ही बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं. हाल ही में ब्रिटेन के स्लीप एक्सपर्ट ने एक मामला उजागर किया है जिसमें एक महिला हंसते-हंसते और नहाते हुए सो जाती है. स्लीप एक्सपर्ट का मानना है कि लोगों को स्ट्रेस, नॉइजी और स्नोरिंग की वजह से नींद ना आने की समस्या होती है लेकिन कई लोगों को सोने के लिए मेहनत नहीं करने पड़ती.
ये समस्या आमतौर पर तब होती है जब मरीज की गुस्से जैसी भावनाएं बहुत प्रबल हो जाती हैं तो वो हंसते-हंसते सोने तक लगता है. या फिर सोचते-सोचते या नहाते हुए भी सो जाता है.यही इस महिला के साथ हो रहा है. अब ये महिला इस चक्कर में जॉली माहौल और हंसने वाले माहौल से दूर रहती थी कहीं वो सो ना जाएं.इतना ही नहीं ये महिला नहाने से भी डरती थी कि कहीं वो नहाते-नहाते सो ना जाएं और डूब कर मर न जाये. डॉ. सोफिया कहती हैं कि कैटाप्लेक्सी और नार्कोलेप्सी दोनों ही एटोनिया के कारण हैं जिसमें नींद हमेशा गलत समय पर आने लगती है. डॉ. कहती हैं कि नार्कोलेप्सी का कोई पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन छोटी-छोटी पॉवर नैप लेकर और सोने का सही समय निर्धारित करके इस समस्या को कम किया जा सकता है. डॉ. सोफिया बताती हैं कि ऐसे मरीजों को जगाएं रखने के लिए उत्तेजक पदार्थ दिए जाते हैं. साथ ही एंटीडिप्रेसेंट्स का उपयोग कैटेप्लेसी के इलाज के लिए किया जाता है. साथ ही मरीज को कुछ ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिससे उनकी सोने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है.
(This woman is troubled by her strange and poor sickness, what is the disease)
अक्सर लोगों को ऐसी बीमारी होती है जिसके बारे में शायद ही आपने कल्पना की हो. आज हम आपको एक ऐसे ही बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं. हाल ही में ब्रिटेन के स्लीप एक्सपर्ट ने एक मामला उजागर किया है जिसमें एक महिला हंसते-हंसते और नहाते हुए सो जाती है. स्लीप एक्सपर्ट का मानना है कि लोगों को स्ट्रेस, नॉइजी और स्नोरिंग की वजह से नींद ना आने की समस्या होती है लेकिन कई लोगों को सोने के लिए मेहनत नहीं करने पड़ती.
ये समस्या आमतौर पर तब होती है जब मरीज की गुस्से जैसी भावनाएं बहुत प्रबल हो जाती हैं तो वो हंसते-हंसते सोने तक लगता है. या फिर सोचते-सोचते या नहाते हुए भी सो जाता है.यही इस महिला के साथ हो रहा है. अब ये महिला इस चक्कर में जॉली माहौल और हंसने वाले माहौल से दूर रहती थी कहीं वो सो ना जाएं.इतना ही नहीं ये महिला नहाने से भी डरती थी कि कहीं वो नहाते-नहाते सो ना जाएं और डूब कर मर न जाये. डॉ. सोफिया कहती हैं कि कैटाप्लेक्सी और नार्कोलेप्सी दोनों ही एटोनिया के कारण हैं जिसमें नींद हमेशा गलत समय पर आने लगती है. डॉ. कहती हैं कि नार्कोलेप्सी का कोई पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन छोटी-छोटी पॉवर नैप लेकर और सोने का सही समय निर्धारित करके इस समस्या को कम किया जा सकता है. डॉ. सोफिया बताती हैं कि ऐसे मरीजों को जगाएं रखने के लिए उत्तेजक पदार्थ दिए जाते हैं. साथ ही एंटीडिप्रेसेंट्स का उपयोग कैटेप्लेसी के इलाज के लिए किया जाता है. साथ ही मरीज को कुछ ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिससे उनकी सोने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है.
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