जैश-ए-मोहम्मद को न कह चुका यह शख्स खोल सकता है पुलवामा हमले का कुछ राज़.
(Jaish-e-Mohammad did not say that this person could open up some secrets of the Pulwama attack)पुलवामा में हुए आतंकी हमले की कड़ी को सुलझाने में जांच एजेंसियां लगी हुई हैं. इसमें लाल रंग की ईको कार और एक युवक आरजू बशीर दो महत्त्वपूर्ण कड़ियां मिली है. घटना के पहले बस नंबर 4 और 2 में बैठे जवानों ने हमलावर आदिल डार को लाल रंग की ईको कार में तीसरे नंबर की बस के पास आते हुए देखा था. वह कार को लगातार दाएं और बाएं मोड़ रहा था. तीसरे नंबर की बस के सुरक्षाकर्मी लगातार उसे दूर जाने को कह रहे थे, लेकिन करीब दो मिनट तक बस के साथ चलने के बाद कार को आदिल डार ने बस में भिड़ा दिया.लाल रंग की ईको कार ने जम्मू से ही काफिले का पीछा करना शुरू कर दिया था. वह सबसे पिछली बस में कार को भिड़ाना चाहता था, लेकिन वह जब ऐसा नहीं हो पाया तो उसने तीसरे नंबर की बस को टक्कर मार दी. इस घटना में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहीद हो गए.
बशीर ने 2017 में पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद ने सेना के काफिले पर हमला करने के लिए उससे संपर्क किया था. एक अधिकारी ने बताया कि जैश के जिस आदमी ने आरजू से संपर्क किया था
जिसने डार को विस्फोटक उपलब्ध कराया उसमें अगर कोई संबंध निकलता है तो इससे पुलवामा हमले के कई राज़ खुल सकते हैं. जो हमारे लिए अच्छा हो सकता है. हम लोग इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जो विस्फोटक पुलवामा हादसे में प्रयोग किया गया क्या वह अब्दुल्ला के पास से बरामद किए गए आईईडी से मिलता-जुलता है या नही. इसी साल 26 जनवरी को मारे गए मुफ्ती अब्दुल्ला के तार भी इस घटना से जुड़े हुए नज़र आ रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर के बाहरी इलाके में खुनमू में मारा गया अब्दुल्ला आईईडी बनाने में काफी एक्सपर्ट था. इनकाउंटर के बाद जहां वह रहता था वहां काफी मात्रा में आईईडी बरामद हुआ था.
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