मोदी सरकार ने बिल्डरों पर सख्ती के लिए बनाया रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट.
(Modi government builds Real Estate Regulations Act)4 सालों में मोदी सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर से ब्लैकमनी पर नकेल कसने के लिए कई बड़े फैसले किये है. सरकार ने बिल्डरों पर सख्ती के लिए RERA (रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट) कानून बनाया गया. वहीं बेनामी संपत्तियों और लेनदेन पर रोक लगाने के लिए कई कानून में संशोधन किया गया. इसके अलावा मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का भी रियल एस्टेट सेक्टर पर ही सबसे ज्यादा असर पड़ा.
सरकार के इन तमाम प्रयासों के बावजूद इस सेक्टर की 95 फीसदी कंपनियों के पास पैन कार्ड तक नहीं है. यह खुलासा CAG की रिपोर्ट में हुआ है. 95 फीसदी रियल एस्टेट कंपनियां जो RoC (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) में रजिस्टर्ड हैं, उनके पास पैन कार्ड तक नहीं हैं या इसकी जानकारी RoC के पास नहीं है. कंपनियों को RoC के पास वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होता है. इस दौरान कंपनियों को अनिवार्य रूप से पैन नंबर देना होता है.
कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ 12 राज्यों के RoC से रियल एस्टेट सेक्टर में कारोबार कर रही कंपनियों का ब्योरा मिला है.इन 12 राज्यों की कुल 54,578 रियल एस्टेट कंपनियों के आंकड़े ऑडिट के लिए उपलब्ध कराए गए हैं. आरओसी के पास इनमें से 51,670 (95 फीसदी) कंपनियों के पैन की सूचना नहीं है. रियल एस्टेट सेक्टर द्वारा RoC को पैन नहीं देने की वजह से कैग को यह ऑडिट करना मुश्किल हो गया है.
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