केंद्र सरकार ने बताया आगे भी सैनिकों के काफिले को सड़क मार्ग से गुजरना होगा.
(The central government said further, the convoy of soldiers will have to go through the road)केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा कि कश्मीर में अर्ध सैनिक बल आगे भी सड़क मार्ग से ही एक जगह से दूसरी जगह जाएंगे. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी जायगी. गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में साजो सामान पहुंचाने व अभ्यासगत कारणों से अर्धसैनिक बलों के काफिलों का सड़क मार्ग से गुजरना आवश्यक है और इसलिए यह जारी रहेगा. मंत्रालय ने राज्य में सैनिकों को पहुंचाने के लिए हवाई सेवाएं बढ़ा दी हैं. बता दें कि गृहमंत्रालय ने मीडिया एक वर्ग में चल रही उन तमाम खबरों को भी खारिज कर दिया है. जिसमें कहा जा रहा था कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद अब अर्ध सैनिक बलों के लिए हवाई पारगमन की सुविधा की इजाजत नहीं दी गई है. सड़क मार्ग का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
दिसंबर 2017 में सीएपीएफएस के अनुरोध पर इस सेवा को दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर-जम्मू-दिल्ली सेक्टर तक बढ़ा दिया गया था. एक सप्ताह में सात उड़ाने होती हैं. दिसंबर 2018 में मंत्रालय ने दिल्ली-जम्मू-श्रीनगर-जम्मू-दिल्ली सेक्टरों के लिए मार्ग बढ़ा कर हवाई सहायता को बढ़ाने की मंजूरी दी थी. इस हमले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ की बस पर पाकिस्तान प्रायोजित जैश ए मोहम्मद द्वारा किए गए आतंकवादी हमले का बदला लिया जाएगा. सिंह ने एक बयान में कहा था कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और पनाह दिए गए लोगों के जरिए कराए गए इस आतंकवादी हमले के माध्यम से शांति में जो बाधा उत्पन्न करना चाहते हैं केन्द्र सरकार उनकी साजिशों को विफल करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है. उन्होंने कहा था कि जैश ए मोहम्मद ने इस आतंकवादी हमले को अंजाम दिया है. हम राष्ट्र को आश्वस्त करते हैं कि इसका बदला लेने के लिए जो भी करना पड़े, हम करेंगे.'' सिंह ने हमले के बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बातचीत की और सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादियों के घातक हमले के बाद की राज्य की स्थिति का जायजा लिया. गृह मंत्रालय स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है.

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