मसूद के मुद्दे पर वीटो करके खुद फंस गया चीन
China hangs itself on the issue of Masood
मसूद के मुद्दे पर वीटो करके खुद फंस गया चीन, उसे नहीं था इसका कतई भी अंदाजामसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को वीटो द्वारा अड़ंगा लगाने के बाद जो स्थितियां बनीं शायद चीन को उसका आभास नहीं था।भारत की कूटनीति से चीन दबाव में है और वह अकेला पड़ गया है। आखिर भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने यूं ही तो बयान नहीं दिया है कि मसूद अजहर से जुड़ा मसला बातचीत के जरिये जल्द हल कर लिया जाएगा। वस्तुत: मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को वीटो द्वारा अड़ंगा लगाने के बाद जो स्थितियां बनीं, शायद चीन को उसका आभास नहीं था। इसके तुरंत बाद फ्रांस ने ऐलान कर दिया कि वह मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी मानकर जैश व मसूद की संपत्ति को जब्त करेगा। फ्रांस के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि फ्रांस मसूद को यूरोपीय संघ की आतंकी सूची में शामिल करने को लेकर बात करेगा। यूरोपीय संघ में इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूरोपीय संघ में प्रतिबंधित होने का मतलब प्रमुख देशों के सबसे बड़े समूह द्वारा मसूद आतंकी घोषित कर दिया गया। उसके बाद दूसरे वैश्विक और क्षेत्रीय संगठनों द्वारा उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया जा सकता है।
सच यह है कि अड़ंगा डालकर चीन प्रमुख देशों के निशाने पर आ गया है। अमेरिका का कहना है कि यदि चीन इसी तरह अड़ंगा लगाता रहा तो सदस्य देशों को दूसरे विकल्प पर ध्यान देना पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में होने वाला विचार-विमर्श गोपनीय होता है और इसलिए सदस्य देश सार्वजनिक रूप से इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। मीडिया में सदस्य देशों के राजनयिकों का जो बयान आया उसमें चीन के खिलाफ गुस्सा है। सुरक्षा परिषद के एक राजनयिक ने चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है तो जिम्मेदार सदस्य देश, सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया। उन्होंने चीन से अपील की है कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे।
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