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Thursday, March 14, 2019

सरकार ने दूसरी बार इन दो कंपनियों से माँगा डिविडेंड, कंपनी ने बुलाई बोर्ड मीटिंग

सरकार ने दूसरी बार इन दो कंपनियों से माँगा डिविडेंड, कंपनी ने बुलाई बोर्ड मीटिंग.

(For the second time the government has asked for dividends, the company has convened the board meeting)
टैक्स से होने वाली कमाई में कमी की वजह से सरकार ने नकदी के ढेर पर बैठी सरकारी कंपनियों से दोबारा अंतरिम डिविडेंड (लाभांश) देने के लिए कहा है। 
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन से दूसरी बार डिविडेंड का भुगतान करने को बोला है|
आईओसी ने इस मांग पर विचार करने के लिए 19 मार्च को बोर्ड की बैठक बुलाई है, वहीं ओएनजीसी ने पूर्व में किए गए डिविडेंड का भुगतान किए जाने के बाद सरप्लस नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी आय में करीब 30,000-40,000 करोड़ रुपये की कमी रह सकती है और ऐसा ही इनकम टैक्स के साथ हो सकता है। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में इंडियन ऑयल ने कहा है, '19 मार्च 2019 को बोर्ड की बैठक बुलाई गई है, जिसमें वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दूसरा अंतरिम डिविडेंड देने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
कोई भी कंपनी एक महीने में दूसरी बार अंतरिम डिविडेंड नहीं दे सकती है। ओएनजीसी जैसी कंपनियों को ऐसा करने के लिए बाजार नियामक सेबी से इजाजत लेनी होती है|
दिसंबर में आईओसी सरकार को 6.75 रुपये प्रति शेयर के लिहाज से डिविडेंड दे चुकी है। इसके अलावा कंपनी ने 4,435 करोड़ रुपये का बॉयबैक भी किया था, ताकि सरकार के रेवेन्यू टारगेट को पूरा किया जा सके। ओएनजीसी ने भी 14 फरवरी को प्रति शेयर 5.25 रुपये का डिविडेंड दिया है। साथ ही कंपनी ने 4,022 करोड़ रुपये का बॉयबैक किया है। अगर वह एक महीने के भीतर दूसरी बार डिविडेंड का भुगतान करती है, तो उसे सेबी की मंजूरी लेनी होगी। साथ ही कंपनी के पास अंतरिम डिविडेंड और शेयर बॉयबैक करने के बाद दुबारा डिविडेंड देने के लिए कैश सरप्लस नही होने का हवाला देते हुए एक महीने के भीतर लगातार दूसरी बार ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

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