1 अप्रैल को श्रीहरिकोटा से लांच होगा पीएसएलवी सी 45
(PSLV-C45 will be launched from Sriharikota on April 1)भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान का सबसे भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी सी 45 प्रक्षेपण को लांच करने के लिए तैयार है। इससे जुड़ी सभी जरूरी तैयारियों को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर पहुंचाया जा रहा है। इस अभियान में एडवांस इलेक्ट्रॉनिक खुफिया उपग्रह के इएमआईएसएटी के साथ अन्य 28 उपग्रहों को पृथ्वी की अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। पहले इसका प्रक्षेपण 21 मार्च को किया जाना था। अब इसे 1 अप्रैल को श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा।
इसरो पीएसएलवी सी 45 में पहली बार चौथे चरण में सोलर पैनल का प्रयोग करने जा रहा है। इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि सफल प्रक्षेपण के लिए 4 मार्च को पहले से तय तिथि को बदला गया है। अब यह प्रक्षेपण 1 अप्रैल को होगा।
उपग्रह पहली बार एक साथ तीन कक्षाओं में भेजे जाएंगा:-
इस राकेट के द्वारा तीन विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा। इससे पहले इसरो ने एक राकेट के द्वारा अधिकतम 2 कक्षाओं में ही उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है।
इस राकेट के द्वारा तीन विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा। इससे पहले इसरो ने एक राकेट के द्वारा अधिकतम 2 कक्षाओं में ही उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है।
अन्य प्रक्षेपण भी कतार में:-
पीएसएलवी सी 46 द्वारा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कार्टोसेट का जबकि पीएसएलवी सी-47 द्वारा रणनीतिक बढ़त के लिए राडार इमेजिंग सेटेलाइट रिसेट 2 बीआर 1 का प्रक्षेपण किया जाएगा। हालांकि अभी इस प्रक्षेपण की तारीखें घोषित नहीं हुई हैं।
पीएसएलवी सी 46 द्वारा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कार्टोसेट का जबकि पीएसएलवी सी-47 द्वारा रणनीतिक बढ़त के लिए राडार इमेजिंग सेटेलाइट रिसेट 2 बीआर 1 का प्रक्षेपण किया जाएगा। हालांकि अभी इस प्रक्षेपण की तारीखें घोषित नहीं हुई हैं।
पीएसएलवी क्या है:-
ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन (पीएसएलवी), विश्व के सर्वाधिक विश्वसनीय प्रमोचन वाहनों में से एक है। यह गत 20 वर्षो से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। इसने चंद्रयान-1, मंगल मिशन, अंतरिक्ष कैप्सूल (स्पेस कैप्सूल रिकवरी एक्सपरिमेंट), भारतीय क्षेत्रीय दिशानिर्देशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) आदि जैसे अनेक ऐतिहासिक मिशनों के लिए उपग्रहों का प्रमोचन किया है।
ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन (पीएसएलवी), विश्व के सर्वाधिक विश्वसनीय प्रमोचन वाहनों में से एक है। यह गत 20 वर्षो से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। इसने चंद्रयान-1, मंगल मिशन, अंतरिक्ष कैप्सूल (स्पेस कैप्सूल रिकवरी एक्सपरिमेंट), भारतीय क्षेत्रीय दिशानिर्देशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) आदि जैसे अनेक ऐतिहासिक मिशनों के लिए उपग्रहों का प्रमोचन किया है।
पीएसएलवी की विशेषताऍं:-
ऊंचाई : 44 मी
व्यास : 2.8 मी
चरणों की संख्या : 4
उत्थापन द्रव्यमान : 320 टन (एक्स.एल.)
प्रकार : 3 पीएसएलवी-जी, पीएसएलवी-सीए, पीएसएलवी-एक्सएल)
पहली उड़ान : सितंबर 20, 1993
व्यास : 2.8 मी
चरणों की संख्या : 4
उत्थापन द्रव्यमान : 320 टन (एक्स.एल.)
प्रकार : 3 पीएसएलवी-जी, पीएसएलवी-सीए, पीएसएलवी-एक्सएल)
पहली उड़ान : सितंबर 20, 1993
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