उत्तर प्रदेश की जौनपुर सीट पर 35 साल से नहीं खुला है कांग्रेस का खाता, क्या इस बार प्रियंका गांधी करेगी कमाल.
(Uttar Pradesh's Jaunpur seat will not open for 35 years, Congress's account, will this time do Priyanka Gandhi)
सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में लगी हुई है. इस बार सबकी निगाहें देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर-प्रदेश पर है. पिछली बार बीजेपी ने 80 सीटों में से अकेले 71 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. तो सपा के खाते में 5, कांग्रेस के खाते में 2 और अपना दल के खाते में 2 सीटें गई थीं.बसपा तो खाता भी नहीं खोल सकी थी, लेकिन इस बार प्रदेश की सियासी सूरत बदली नजर आ रही है. एक तरफ केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी को हराने के लिए सपा-बसपा एकजुट हो गयी है.
35 साल से नहीं खुला है कांग्रेस का खाता:-
जौनपुर की लोकसभा सीट पर अब तक कुल 17 बार चुनाव हुए, जिसमें शुरू से ही कांग्रेस का दबदबा रहा. 6 बार यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी लोकसभा में पहुंचे, लेकिन 80 के दशक में जब एक बार कांग्रेस की इस सीट पर पकड़ कमजोर हुई तो उसके बाद उबरने का मौका नहीं मिला.
जौनपुर की लोकसभा सीट पर अब तक कुल 17 बार चुनाव हुए, जिसमें शुरू से ही कांग्रेस का दबदबा रहा. 6 बार यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी लोकसभा में पहुंचे, लेकिन 80 के दशक में जब एक बार कांग्रेस की इस सीट पर पकड़ कमजोर हुई तो उसके बाद उबरने का मौका नहीं मिला.
जौनपुर में कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है और इस बार भी कांग्रेस की डगर आसान नहीं दिख रही है. खासकर सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी से कहीं ज्यादा बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने है.यह देखना ज्यदा दिलचस्प होगा कि क्या प्रियंका गांधी जौनपुर सीट पर कांग्रेस के लिए कोई करिश्मा कर पाती हैं या नहीं.
पिछली बार ऐसा था सियासी समीकरण:-
जौनपुर की गद्दी पर अभी बीजेपी का कब्जा है. 2014 में 15 साल बाद बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी और पार्टी के उम्मीदवार केपी सिंह लोकसभा में पहुंचे. उन्होंने बसपा के बाहुबली धनंजय सिंह से यह सीट छीनी थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर सीट से कुल 21 उम्मीदवार मैदान में थे. केपी सिंह ने बसपा के ही सुभाष पांडे को 1,46,310 वोटों के अंतर से हराया था. केपी सिंह को 3,67,149 लाख वोट मिले थे, जबकि सुभाष पांडे ने 2,20,839 वोट हासिल किया था.
No comments:
Post a Comment